Menu
blogid : 1336 postid : 79

बाबा रामदेव एक युग पुरुष – असली असलियत

विचार भूमि
विचार भूमि
  • 49 Posts
  • 463 Comments

भारत में बाबा रामदेव किसी भी परिचय के मोहताज नहीं है. ये वो शख्शियत है जिन्होंने प्राचीन भारत के लुप्त होगे गौरव “योग” को फिर से आम जन मानस के घर तक पहुचाया है, ये वो शख्शियत है जिन्होंने निर्भय होकर भ्रष्टाचार और देश में हो रहे लोगो पर अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई है, इन्होने ने ही देश में फिर से स्वदेशी वस्तुओ के उपयोग और विदेशी वस्तुओ का यथा-संभव त्याग करने का भाव लोगो में पैदा किया है. ऐसे ही न जाने कितने ही काम जो भारत के हित में है और भारतवासियों के हित में है, बाबा रामदेव ने शुरू किये.

प्रत्यक्षम किम प्रमाणं:-

१ – बहुत ही कम समय में आज देश में योग करने वालो की संख्या लाखो में पहुच गई है.

२ -विदेशी कोला कंपनियों का मार्केट काफी हद तक चरमरा गया है और अब कोला कंपनी के सारे विज्ञापन भी पूरे भारतीय रंग में रंगे नज़र आते है अपनी जमीन वापस पाने के लिए.

३- लोगो का अय्रुवेद की तरह रुझान बढ़ा है.

४ – अब जयादा लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े होने का साहस कर रहे है.

५- लाखो लोग योग के माध्यम से आराम प्राप्त कर रहे है.

६ – पिछले लोग सभा चुनावो में स्विस बैंक में जमा कला धन एक चुनावी मुद्दे की तरह से लोगो के सामने आया

७ – हिन्दू मुस्लिम एकता के लिए मुस्लिम धर्म गुरुओ के साथ मंच साझा किया और ये सिद्ध किया की योग किसी धरम से नहीं बंधा हुआ है.

ऐसे ही न जाने कितनी ही लोगो में बाबा रामदेव और आचार्य बाल किशन ने एक नयी चेतना का संचार किया है. अभी कुछ दिन पहले ही देश के दो बड़े तथा-कथित दलित और पिछड़ी जाती के रहनुमाओ (मायावती और लालू प्रसाद यादव) ने बाबा रामदेव के खिलाफ मोर्चा खोला. ये इस बात का परिचायक है की वो लोग जो आज तक दलित और गरीब लोगो को झूठी हमदर्दी दिखा कर, इन दबे हुए वर्गो का फायदा अपने बैंक अकाउंट भरने में लगा रहे थे, वो बहुत ही डरे हुए है. उनको लगता है की अगर गरीब आदमी को समझ में आ गया की बाबा गरीब लोगों के भले के लिए काम कर रहे है, और नेता उनको गरीब बनाये रखने के लिए, तो अगले चुनाव में ये बड़े बड़े नेता कही भी मूह दिखने लायक नहीं रहेगे.

कुछ लोगो को बाबा रामदेव के राजनीत में आने से ऐतराज है, मेरी समझ में यह नहीं आता कि जिस देश में, माफिया, गुंडे, चोर, बलात्कारी, भ्रष्ट, इन सब तरह का आदमी राजनीत कर सकता है तो एक सन्यासी क्यों नहीं? वो भी एक ऐसा सन्यासी जो पिछले १० -१५ सालो से सामाजिक जीवन जी रहा है, जिसके हर एक कम को लोग शुरुआत से अंत तक जानते है. जिस पर आज तक कोई भी कीचड नहीं उछल सका है. एक ऐसा इन्सान, जिसमे आज भी ये कहने का साहस है की भारत एक इमानदार देश बन सकता है.

शायद लोगो को ऐसा लगता है हम जितने ही महान आदमी के ऊपर कीचड़ उछालेगे हमको उतनी ही प्रसिधी मिलेगी. ऐसे लोगो बस ये सोचना चाहिए की जितना काम बाबा रामदेव ने भारत देश के लिए किया उसक अगर वो १०व भाग भी कर पाए, तब ही बाबा रामदेव के बारे में अपनी राय दे. कुछ लोगो को इस बात से समस्या है की बाबा के पतांजलि योगपीठ में “ऐ सी” लगे है, वो दवाइयों के अधिक पैसे लेते है या वो उनको बाबा रामदेव जी उन लोगो से मिले नहीं मिल पाए जब वो लोग पतंच्जली योग पीठ गए थे. इन लोगो को यह समझाना होगा की कोई भी पिछड़े वर्गो का सामाजिक या आर्थिक उथान बिना धन के ही नहीं हो सकता. अभी बाबा या तो उन भ्रष्ट लोगो के सामने हाथ फैलये या ईमानदारी से जो आदमीं पैसा देने में समर्थ है उससे सही मूल्य ले, जिससे की योग पीठ के बाकी सामाजिक काम, आयुर्वेद रिसर्च और गरीबो की निशुल्क सेवा का काम किया जा सके,

देश का यही तो दुर्भाग्य है की यहाँ जयादातर लोगो को सब कुछ फ्री में चाहिए और हर जगह बस “मै” ही “मै” रहे. जिस दिन देश “मै” की जगह “हम” में जीने लगेगा शायद तभी ही बाबा रामदेव का भारत को फिर से राम राज्य बनाने का मिशन पूरा हो गएगा.

जय हिंद

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published.

    CAPTCHA
    Refresh